- 31 Posts
- 48 Comments
भाईयों क्या बढता अपराध हम सभी के लिए भय, असुरक्षा और विनाश का कारण नही बनता जा रहा। हमारा युवा जो देश का भविष्य है नशे और अपराध के चंगुल में फंसकर हत्या, बलात्कार, अपहरण, चोरी डकैती और एसिड अटैक जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम देकर सारे समाज में हिंसा, अराजकता, असुरक्षा और भय का वातावरण जो बन रहा है वह सभी के लिए चिंता और चिंतन का विषय है।
कुछ खास बिंदु….
न0-1… क्या कोई मां बाप चाहता है कि उनका लाडला बेटा नशा और अपराध की चपेट में आकर समाज के लिए खतरा बने और घर परिवार रिश्तेदारों के अपमान और तिरस्कार का कारण बने।
न0-2…. क्या समाज के किसी भी वर्ग सम्प्रदाय या जाति का व्यक्ति चाहे वह गरीब हो या अमीर कोई चाहता है कि उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसी आपराधिक वारदात का शिकार हो।
न0-3….. बढ रहे अपराध व आपराधिक घटनाओं को देखते हुए क्या हम
लोग स्वंय को सुरक्षित समझते हैं।
न0-4…. क्या हमारे घर की बहन बेटी सुरक्षित हैं………
इन सभी बिंदूओं पर हमने गहन चिंतन किया। अपराध से सिर्फ पीङित परिवार ही कष्ट में नही है। जो व्यक्ति अपराध करते हैं उनके साथ बहुत लोग इससे प्रभाव में रहते हैं। हमारा उद्देश्य यह नही है कि किसी को सजा दिलवायें हमारा लक्ष्य है कि अपराध को समाप्त किया जाये। जन्म से कोई अपराधी नही होता।
विनाशाय च दुष्कृताम यानि की दुष्कर्म का विनाश हो अपराध समाप्त हो यह कार्य इतना आसान नही है। क्योंकि जिस तेज गति से हमारा किशोर वर्ग और युवा वर्ग आधुनिकता की अंधी दौङ में फंस गया है कि ना संस्कार ना सभ्यता, ना इन्सानियत ना सेवा, ना कोई परोपकार ना सद्भावना उस बेचारे कोमल मन को एक ऐसा माहौल परोसा जा रहा है जहां सिर्फ एन्जोय के नाम पर नशा और सेक्स में अपने जीवन का मकसद खोजता है और इसको प्राप्त करने का माध्यम अपराध को बनाता है।
आपसे अनुरोध है कि अपराध मुक्ति अभियान का हिस्सा बनकर समाज में शांति और सुरक्षा स्थापित करने में अपना सहयोग दें।
Read Comments