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आज देश में कांग्रेस की लुटिया डुबने ही वाली है ऐसा सभी को लग रहा है। युपी के चुनावों में राहुल ने अपनी पुरी ताकत झोंक दी थी लेकिन परिणाम जब आये तो कांग्रेस को एक बहुत बङा आईना दिखाई दिया। और अब एक नई बात ही सामने आ रही है कि राहुल संभाल सकते हैं बङी जिम्मेदारी…. कोई भी कांग्रेस के युवराज के विरूद्ध तो बोल नही सकता जैसे सोनिया जी और राहुल कहते हैं सभी वो ही भाषा बोलने लगते हैं। जिम्मेदारी तो युपी चुनावों में भी सारी राहुल के हाथों में ही थी। तो क्या कुछ नया हुआ। क्या राहुल कोई भी जिम्मेदारी लेले या पीएम ही बन जाये तो क्या लोगों को यह बात समझा सकते हैं 2 जी में 1 लाख 76 हजार करोङ का घोटाला हुआ सीडब्ल्युजी कोयला घोटाला आदर्श घोटाला और भी पता नही कितने घोटाले हैं जो आपकी सरकार ने किये हैं। तो क्या राहुल गांधी जी यह बात समझा सकते हैं कि जो हुआ उसे भुल जाओ और अब हम इमानदारी से राज चलायेंगे। आज लोगो का जीवन यापन करना इतना मुशिकल हो रहा है कि अगर में लिखना चाहुं तो भी नही लिख सकता। क्योंकि दोस्तों जिसके ना फटी बिवाई वो क्या जाने पीङ पराई तो राहुल जी क्या समझेंगे कि किस तरह एक बेचारी मजबुर औरत अपने बच्चो का पेट पालती है।
महाभारत काल की एक कही है एक बार गुरू द्रोण के घर में इतनी गरीबी थी कि रोटी के लाले पङे हुए थे। तो अस्वस्थामा जी द्रोण के पुत्र कहीं बाहर बच्चों में खेल रहे थे तो किसी ने कहा कि आज तो में दुध पीकर आया हुं कुछ इसी प्रकार का जिक्र किया होगा तो अस्वस्थामा जी ने भी घर पर आकर मां कृपी से दुध मांगा मां ने उसको बहुत टालने का प्रयास किया लेकिन बच्चें तो जिद्दी होते हैं। आखिर वो मजबुर और बेबश मां क्या करे तो कहते हैं कि उन्होंने पानी में कोई तो कहता है कि खङिया मिलाकर पिलाई कोई कहता है पानी में आटा घोलकर पिलाया था। आज भी देश के ऐसे ही हालात हो गये दुध 40 रूपये किलो है। एक 200 रूपये कमाने वाला आदमी कैसे अपने बच्चों को दुध पिलायेगा। हमारे देश की जनता बहुत भोली है सब जानते हैं लेकिन फिर भी मोका दे देते हैं ऐसा सभी नेता सोचते हैं लेकि में इस बार जनता देखी है। दिल्ली नगर निगम के चुनावों में। इस बार बहुत सी जगहों पर निर्दलीय लोगो को चुनकर को जिताकर दिखा दिया है कि अब हम बहकावें में नही आने वाले। तो मेरा समझ में नही आ रहा कि राहुल गांधी जी क्या जलवा सकते हैं। आज का यूथ तो बहुत बुरी तरह से खपा हुआ बैठा है। हां जो लङके लोग कालेज के हैं और राजनीति के लिए एनएसयुआई में हैं उन्हें तो राहुल और कांग्रेस की बात माननी ही पङेगी बाकि जो आम यूथ है वो तो कुछ अलग ही सोच रहा है। अगर आज देश में वीर सावरकर, नत्थुराम गोङसे, भगतसिंह, मंगल पांडे सुभाष चंद्रबोश के साथ जुङने के लिए कहे तो सारा युवा समाज इनके साथ हो जायेगा।
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