Menu
blogid : 10133 postid : 39

बाबा-बाबा ना रहे,, नेता- नेता ना रहे………..

आवाज उठाओ
आवाज उठाओ
  • 31 Posts
  • 48 Comments

बाबा-बाबा ना रहे,, नेता- नेता ना रहे………..

पहले बाबा नाम को लोग बङी श्रद्धा से लिया करते थे और नेताओं के तो पिछे लोग अंधे होकर चलते थे। लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि बाबाओं से भी लोग घबराने लगे हैं, और नेताओं से तो दहशत में हैं। इसका क्या कारण है, जानते तो सब हैं लेकिन क्या करें हमारा देश बापू गांधी का देश है बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, बुरा मत देखो बस सहते रहो। पहले नेता होते थे कि जनता के दुखों को देखकर रो उठते थे, लेकिन आजकल तो कुछ अच्छा ही हो रहा है जनता को रोटी के लाले पङे हैं. और नेताओं के विदेशों में बैंक खाते भरे पङे हैं। बाबाओं के पास लोग इस संसारी दुख और माया से थोङा विरक्त होने के लिए जाते थे लेकिन आज तो हमारे बाबा ही माया पति हुए बैठे हैं, तो जनता किस उद्देश्य से जाये। जिस मारा मारी में एक ग्रहस्थ पङा है उसी मारा मारी में बाबा पङे हैं। तो फिर क्यों जाये बाबा के पास………………………. लेकिन जनता आज भी भगवे धारी को भगवान ही मानती है उन्हें ये नही पता की देखो निर्मल बाबा को शराब चढवा कर. गोल गप्पे खिलाकर और औरतों को पर्स में ज्यादा पैसे रखकर और खरीद दारी करके लोगों के कष्टों का निवारण कर रहे हैं। और कई बाबाओ ने तो अपनी दुकान तक खोल ली है कि नहाने के लिए साबुन तेल तक हमारे यहीं से ले जाओं। और बाबा रामदेव की तो बात ही ना करो वो तो ऐसे हैं कि माया पति तो हैं ही अगर देश में कहीं कुछ भी हो उसी पर बोलने लगते हैं हां इनके सामने तो नेता भी कुछ कम ही बोलते हैं।

इसका सबसे बङा कारण क्या है……………………………………………..

इस बात का हमें ही चिंतन करना है की कहीं ऐसा ना हो की हम हम ही ना रहें तो कैसा होगा। यह बात बङी खतरनाक हो जायेगी इस माहोल को देखते हुए तो मुझे ऐसा लगता है कि जब बाबा बाबा ना रहे, और नेता नेता ना रहे, तो एक दिन ऐसा ना हो जाये पत्नि पत्नि ना रहे पति पति ना रहे, मां मां ना रहे बेटा बेटा ना, रहे नोकर नोकर ना रहे मालिक मालिक ना रहे, पुलिस पुलिस ना रहे और जज जज ना रहे।

ऐसी परिस्थिती में देश और पुरी दुनिया का कोन जिम्मेदार होगा अब तो यह भी नही कह सकते की हमें पता नही था। कभी ऐसे हालात बने तो हम सबके याद आयेगा कि था एक पागल जिसने यह बात एक दिन अपने पागल पन में आकर लिख दी थी लेकिन उस समय हमने उसकी बात पर गहराई से चिंतन नही किया था। अगर किस को मेरी बात गलत लगे या कोई गलती हो माफ करना लेकिन मुझे तो मेरे श्याम की इस दुनिया की यही दशा होनी दिख रही है। क्योंकि आज कोई भी जो है वह नही रहना चाहता। बाकि सब स्वतंत्र है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply